अमेरिका ने डब्लूएचओ से सारे संबंध समाप्त करने की घोषणा की




अमेरिकी राष्ट्रपति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) से सारे संबंध समाप्त करने की घोषणा की है ! ट्रम्प काफी समय से डब्लूएचओ की कार्यप्रणाली की आलोचना करते रहे हैं, वहीं चीन के साथ उसके संबंधो को लेकर भी वो नाराज थे ! ट्रम्प ने डब्लूएचओ पर चीन के लिए बहुत ज्यादा उदार होने का आरोप लगाया है ! हालाँकि अमेरिका ऐसे वक्त में डब्लूएचओ से अलग हुआ है, जब उसकी इस संगठन को सबसे ज्यादा जरुरत थी ! डब्लूएचओ को सर्वाधिक फंडिंग अमेरिका ही करता है ! ऐसे में कोविड-19 के दौर में वैश्विक स्वास्थ्य पर इसका बड़ा असर पड़ेगा !

इतना पैसा देता है अमेरिका
डब्लूएचओ की फंडिंग और वैश्विक स्वास्थ्य को बेहतर करने में अमेरिका का मत्वपूर्ण भूमिका रही है ! वैश्विक स्वास्थ्य को लेकर शोध करने वालो का मानना है की अमेरिका के हटने से जो रिक्त स्थान आया है उसे भरना बहुत बड़ी चुनौती होगी ! अभी तक अमेरिका डब्लूएचओ का सबसे बड़ा दानदाता था ! यह डब्लूएचओ के बजट का करीब 15 फीसद अकेले देता था !
पिछले साल अमेरिका ने डब्लूएचओ को 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर ( करीब 33 अरब 98 करोड़ रूपए ) की राशि दी थी ! जिसमे से करीब 75 फीसद स्वैछिक और शेष एक चौथाई राशि अनिवार्य थी ! डब्लूएचओ के प्रवक्ता के मुताबिक, अमेरिका ने इस साल अपनी सदस्य्ता के करीब एक चौथाई 34 मिलियन डॉलर ( करीब 2 अरब 56 करोड़ रूपए ) का भुगतान किया है !

ऐसे तय होती है फीस
डब्लूएचओ के 194 देश सदस्य हैं ! देशो द्वारा दी जाने वाली राशि इसकी आय के जरिया है , जिसे वैश्विक स्वास्थ्य से जुडी चीजों पर खर्च किया जाता है इन देशो की अर्थव्यवस्था की स्तिथि और जनसँख्या के आधार पर सदस्य्ता राशि ली जाती है !

गलत समय पर उठाया गया कदम
स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब कोविड-19 की सुचना के प्रवाह में अवरोधों के साथ ही पोलियो और मलेरिआ के पुनुरुत्थान के नतीजो पर भी चिंतित हैं ! उनका कहना है की इससे दुनिआ भर में वैज्ञानिक भागीदारी का भी नुक्सान होगा ! इसके कारण अमेरिका वैश्विक स्वास्थ्य पहल को लेकर अपना प्रभाव खो सकता है, जिसमें कोरोना वायरस के लिए दवा और टीके वितरित करना शामिल है ! कनाडा के सिमोन फ्रेजर विश्वविद्यालय के वैश्विक स्वास्थ्य - नीति शोधकर्ता कैली ली ने कहा कि इससे नुकसान होगा ! कई विशेषज्ञो का मानना है की कोरोना वायरस संकट के समय अंतरराष्ट्रीय समन्वय और सहयोग की आवश्यकता को देखते हुए यह कदम गलत वक्त पर उठया गया है !

2021 में व्यापक रूप से दिखेगा असर
डब्लूएचओ का कहना है की स्वैछिक फण्ड के एक बड़े हिस्से का भुगतान पिछले साल ही कर दिया गया था ! यद्यपि अमेरिका के इस फैसले से नए समझोतो को रोक दिया है, इसका अर्थ है की इस फैसले का व्यापक असर हमें 2021 में देखने को मिलेगा ! पोलियो उन्मूलन के लिए अमेरिकी सरकार डब्लूएचओ के बजट का 27 फीसद प्रदान करती है! क्षय रोग,एचआइवी, मलेरिआ और वैक्सीन- निवारक बिमारिओ जैसे खसरा से निपटने के लिए इसके बजट का 19 फीसद और आपातकालीन स्वास्थ्य कार्यो के लिए इसके बजट का 23 फीसद योगदान देती है ! अमेरिका की यह पहल सिकुड़ती है तो शोधकर्ताओं के मुताबिक मृत्यु और बीमारी में वृद्धि होगी ! 
Previous
Next Post »