ध्यान लगाइए, इम्युनिटी बढ़ाइए


अगर बीमारियां हमारे शरीर में हैं तो स्वस्थ होने की शक्ति भी इसी शरीर में छिपी है ! तरीके पता हों तो ज्ञानेन्द्रीओं पर नियंऋण ही शारीरिक या मानसिक अवसाद से निकलने की कारगर विधि है ! कोरोना काल में आत्म नियंऋण और आत्मिक शक्ति की जरुरत तो सभी को है ही, योगासन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इस समय खुद का ख्याल रखने के लिए भी जरुरी भी ! 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है ! हम आपको बताएँगे प्रमुख योगासन, विधि और उसके फायदे ! आज आपको बता रहे हैं प्राणायाम के बारे में !





प्राणयाम क्या है : प्राणायाम शब्द प्राण+आयाम से मिलके बना है! प्राण का आशय जीवन से है और आयाम का मतलब आदान-प्रदान करना है अर्थात जीवन के लिए साँसों आदान-प्रदान आवश्यक है !

अवस्थाएं 
पूरक: इसमें नासिका द्वारा श्वास को अंदर की तरफ लेते हैं उसे पूरक कहा जाता है !

कुम्भक: श्वास को भीतर रोकने की क्रिया कुंभक कहलाती है !

रेचक: श्वास को बाहर की तरफ छोड़ना रेचक कहलाता है !

शून्यक: श्वास को बाहर निकालकर फिर वापस न लेकर बाहर ही रोक देने की क्रिया शून्यक है !

तरीके 
प्राणयाम करते समय अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखनी चाहिए ! शांत व प्रदुषण रहित वातावरण होना चाहिये ! स्नान आदि  करने के बाद ही ये आसान करना चाहिये ! भोजन के चार घंटे के पश्चात और पानी पीने के दो घंटे बाद या भूखे पेट ही प्राणयाम करना चाहिए ! कपडे ढीले व आरामदायक होने चाहिए ! प्राणायाम करने के पश्चात जल पीना काफी लाभदायक है !

प्रमुख प्राणायाम और विधियां

कपालभाति: कपालभाति में कमर सीधी रखें और सिद्धासन में बैठकर दोनों हाथो को ज्ञान मुद्रा में रखें ! स्वास को नाक से तेजी से बाहर छोड़े व पेट को अंदर की और खींचे ! ध्यान रखें की श्वास लेनी नहीं है, सिर्फ छोड़नी है !

लाभ: शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकलने में मदद करता है ! इम्युनिटी बढ़ाता है और श्वशन मार्ग को साफ़ करता है !

भस्त्रिका: भस्त्रिका का शाब्दिक अर्थ धौंकनी है ! धौंकनी के तरह आवाज करते हुए सुध वायु को अंदर लिया जाता है और अशुद्ध वायु को को बाहर फेंका जाता है ! तेज गति से श्वास ले  और छोड़ें !

लाभः फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, वात, पित व कफ के दोषो को दूर करता है !

उज्जायी प्राणायाम: सुखासन में बैठकर मुंह को बंद कर नाक की छिद्रो से वायु को फेफड़ो में भरने तक सांस खींचे ! कुछ देर वायु को अंदर ही रखें और फिर नाक के दाएं छिद्र को बंद कर वायु को धीरे धीरे बाहर निकालें ! 

लाभ: स्नायु रोगो के लिए बेहद उपयोगी है ! मोटापा, डैम एयर श्वास रोग दूर होते हैं ! 

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