पुरे विश्व को चलाने वाली कंपनी जी हाँ आपने बिलकुल सही पढ़ा है, जब भी हम ऐसी कंपनीओ के बारे में बात करते हैं तो सबसे पहले आपके दिमाग में गूगल,एप्पल व अमेज़न जैसी बड़ी कंपनीओ का नाम आता होगा |पर एक कंपनी ऐसी भी है जो इनसे कई गुना ज्यादा बड़ी है | तो आइए जानते हैं पुरे विश्व को चलाने वाली कंपनी के बारे में |
इस कंपनी का नाम है ब्लैकरॉक (Blackrock) | ब्लैकरॉक दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट फर्म है | यह कंपनी 9.5 ट्रिलियन डॉलर का प्रोटफोलिओ संभालती है, जो की भारत की जी.डी.पी से तीन गुना ज्यादा है |
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ब्लैकरॉक की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनीओ में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है | इस कंपनी की एप्पल में 4% की हिस्सेदारी है, गूगल में 4.3% की हिस्सेदारी है और दुनिया की सबसे बड़ी शॉपिंग कम्पनी में भी इसकी 4.3 % की हिस्सेदारी है |यह तो कुछ भी नहीं है आइये जानते हैं इसकी सहायक कंपनी ब्लैकरॉक सोल्युशन के बारे में जो की इस से भी ज्यादा बड़ी कंपनी है |
ब्लैकरॉक सोल्युशन
इसी कंपनी की एक सहायक कम्पनी है ब्लैकरॉक सोल्युशन जो की एक रिस्क मैनेजमेंट कंपनी है , यह कंपनी दुनिया के सबसे बड़े बैंको, पेंशन फंड्स व बहुत से देशो के सरकारों की सलाहकार है | इसी के जरिये इनके पास 20 ट्रिलियन डॉलर के एसेट्स हैं |
आईये जानते हैं यह कंपनी किस तरह काम करती है
ब्लैकरॉक सोल्युशन जिस भी कंपनी या बैंक के साथ काम करती उसे सलह देने के बदले उस कम्पनी में कुछ हिस्सेदारी इसके नाम हो जाती है | और इसी वजह से इन्हे कंपनी की गुप्त जानकरी प्राप्त हो जाती है जिसकी मदद से यह रिपोर्ट्स तैयार करते हैं और यह सब करते समय इनका कंपनी के ऊपर पूरा नियंत्रण रहता है |
यह कंपनी रिस्क मैनेजमेंट में इतनी सफल है की अमेरिका की सरकार ने इन्हे ही 2008 और 2020 के शेयर मार्किट क्रैश को सँभालने की जिम्मेदारी इसी कंपनी को दी थी | इसी की वजह से यह दुनिया की प्रभावशाली संस्थान है |
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के पास गुप्त जानकारी होना और दुनिया की बड़ी कम्पनीओ और यहाँ तक की सरकारों पे भी प्रभाव होने के कारण ही इसे दुनिआ का सबसे शक्तिशाली संस्थान कहा जाता है |
आप इसके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं की 2020 में ब्लैकरॉक सोल्युशन के CEO लेरी फ्रैंक ने अपनी सभी हिस्सेदारी वाली कम्पनीओ को फरमान दिया की यह कंपनिया पर्यावरण को स्वच्छ रखने पे ज्यादा ध्यान दें| सभी कंपनीओ में इनकी बहुत ज्यादा हिस्सेदारी होने के कारण सभी को इनकी बात मानने पे मजबूर होना पड़ा |